कोरोना से बचाव के लिए लगाए गए लॉक डाउन के चलते मार्च से बंद स्कूल 15 जुलाई के बाद खुल सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों में पढ़ाई के लिए गाइडलाइन तैयार कर रहा है। जो जल्द ही जारी हो सकती है।
स्कूल चलने पर 1 दिन में 33% या 50% बच्चे ही स्कूल जाएंगे। उपलब्ध संसाधनों के आधार पर राज्य सरकार और स्कूल प्रशासन तय करेंगे कि कितने बच्चे बुलाने हैं। छात्रों की संख्या के आधार पर हाथ धोने की सुविधा, टॉयलेट, पीने के पानी के नल इत्यादि बढ़ाने पड़ सकते हैं।
50% छात्रों का फार्मूला लागू करने वाले स्कूलों में छात्र सप्ताह में तीन और 33% का फार्मूला लागू करने वाले स्कूलों में 2 दिन ही स्कूल जाएंगे। बाकी के दिनों में ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाएगी। जून के अंतिम सप्ताह में संक्रमण की स्थिति के आधार पर गाइडलाइंस का रिव्यू किया जाएगा। उसके आधार पर स्कूल खोलने की तारीख में बदलाव हो सकता है। हालांकि स्कूल खोलने का अंतिम फैसला राज्य सरकार व स्कूल प्रशासन का होगा।
गौरतलब है कि सीबीएसई ने 1 से 15 जुलाई के बीच 10वी और 12 वी की परीक्षा करवाने का फैसला किया था। स्कूल खोलने से 2 हफ्ते पहले टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन की ट्रेनिंग दी जाएगी। बच्चों को भी स्कूल में ध्यान रखी जाने वाली बातों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
स्कूल में 1 से ज्यादा एंट्री व एग्जिट प्वाइंट बन सकते हैं। हर क्लास के लिए टॉयलेट और पानी पीने की जगह तय होगी, दूसरे छात्र वहां नहीं आ सकेंगे। अगर किसी क्लास में कोई संक्रमण छात्र मिला तो इस व्यवस्था में केवल एक क्लास के बच्चों को ही क्वॉरेंटाइन करने की जरूरत पड़ेगी। ग्रुप में खेले जाने वाले खेल व बड़े आयोजनों पर पाबंदी रहेगी।
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