Thursday, 23 July 2020

घर में लगा है एक बल्ब और पंखा, बिल आ गया 7 लाख 63 हजार.

कोसली में सरकार कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा बीपीएली के मजदूर परिवार को भुगतना पड़ रहा है। यहां इस गरीब परिवार के बिजली का बिल हजार दो हजार नहीं, बल्कि 7 लाख 63 हजार रुपये भेजा है है।
अब बिल तो 7 लाख रुपये का आ गया, लेकिन देखिये चौंका देने वाली बात तो ये है कि यहां इस गीरब परिवार के घर में केवल एक बल्ब और एक पंखा ही लगा हुआ है। कोसली निवासी राजाराम ने बताया कि वह बी पी एल परिवार से सम्बन्ध रखता है और मजदूरी का काम करता है।
यह लगातार अपने बिजली बिल का भुगतान बिना किसी देरी के कर देता है बावजूद इसके इसका बिल विभाग ने 7 लाख 63 हजार का थमा दिया जिसे लेकर यह काफी परेशान है। सम्बंधित विभाग कोई सुनवाई नहीं करता, आख़िर कैसे अदा होगा यह भारीभरकम बिल समझ से परे है।

इसी प्रकार एक अन्य मजदूर उपभोक्ता का बिल 37 हजार दिया गया और इसके घर मे भी एक पंखा ऒर एक बल्ब ही है। दोनो की व्यथा सुनने के बाद जब हमारे संवाददाता ने विभाग के एस डी ओ से बात की तो उन्हें विभाग की गलती का एहसास हुआ और उन्होंने कहा कि मीटर रीडिंग मशीन से ली जाती है जो उसी रीडिंग के अनुसार बिल बनता है, फिर भी यह दोनों मीटर लैब में भेजे जायेंगे उसके बाद ही नया बिल बनाकर बिल अमाउंट तय किया जाएगा।

Tuesday, 7 July 2020

गोहाना के एसडीएम कार्यालय में तैनात क्लर्क गिरफ्तार, गन लाइसेंस की रिन्यूअल कराने के लिए मांगी थी रिश्वत.

गोहाना के एसडीएम कार्यालय में तैनात एक क्लर्क को विजिलेंस की टीम ने सोमवार को गिरफ्तार किया है। आरोपी क्लर्क विनोद ने गन लाइसेंस की रिन्यूअल कराने के लिए 15 सौ रुपये की रिश्वत मांगी थी। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने 500 रुपये पहले दे दिये थे और अब 1 हजार रुपये दिये थे। उस वक्त विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया।

जानकारी के मुताबिक अनिल नामक शख्स ने सोनीपत विजिलेंस को शिकायत दी थी कि गोहाना एसडीएम कार्यालय में तैनात क्लर्क विनोद गन लाइसेंस के रिन्युअल के लिए चार हजार रुपये मांग रहा है। जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने यह कार्यवाही की।

शिकायकर्ता ने बताया कि उसे अपनी गन का लाइसेंस रिन्युअल करवाने के लिए फाइल लगाई थी लेकिन क्लर्क ने कोरोना संक्रमण के दौरान छुट्टियों के चलते फाइल लेट होने की बात कही, जिसके बाद उस फाइल को जल्दी क्लियर करवाने की एवज में रिश्वत मांगी थी। इसके बाद 1500 रुपये में बात फाइनल हुई थी।

सोनीपत विजिलेंस के जांच अधिकारी सुमित धनखड़ ने बताया कि अनिल नाम के एक युवक ने शिकायत की थी कि गोहाना में गन लाइसेंस क्लर्क रिश्वत मांग रहा है। सोमवार को मौके पर आकर गोहाना एसडीम कार्यालय में कार्यरत गन लाइसेंस क्लर्क को एक हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।

Monday, 6 July 2020

लॉकडाउन के दौरान इम्पाउंड वाहनों के चालान रेट किये गए कम, कैबिनेट बैठक में लिया फैसला

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में लॉकडाउन प्रतिबंधों के दौरान मोटर यान अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा जारी किए गए चालानों के प्रशमन (कंपाउंडिंग) का निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा पुलिस द्वारा प्रदेश में लॉकडाउन प्रतिबंधों के दौरान मोटर यान अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 24 से 31 मार्च, 2020 तक की अवधि के दौरान अनेक वाहनों को इम्पाउंड किया गया।
कोविड-19 महामारी के समय जन-शिकायतों तथा लॉकडाउन के चलते उपजे हालात के दृष्टिïगत, इन तीन श्रेणियों के वाहनों, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, से कम्पाउंडिंग फीस के तौर पर दुपहिया वाहन के लिए 500 रुपये, कार व जीप के लिए 1000 रुपये तथा परिवहन वाहनों के लिए 2000 रुपये की अधिकतम जुर्माना राशि वसूल की जा सकती है। इन उल्लंघनों के प्रशमन के लिए संबंधित आरटीए सचिवों को अधिकृत किया गया है।

Sunday, 5 July 2020

हरियाणा में स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी, उपभोक्ताओं को मिलेगी पांच फीसदी मिलेगी बिजली, खुद कर सकेंगे रिचार्ज

हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के बिल कम करने और लाइन लॉस को घटाने के लिए स्मार्ट मीटरों की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत प्रदेश में करीब 30 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी है। इन मीटरों का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पांच फीसदी बिजली के रेट कम लिये जाएंगे, साथ ही मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली के मीटर को रिचार्ज करेंगे तो बिजली की गैर जरुरी खपत भी कम होगी।


हरियाणा के विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2024 तक 30 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। पहले चरण में लगभग 1600 करोड़ रुपये की लागत 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जारी है । इसी तरह, दूसरे चरण में 20 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि 1600 करोड़ रुपये की इस राशि में से केंद्र सरकार द्वारा 780 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी जबकि 820 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा खर्च की जाएगी !

एचईआरसी ने प्री-पेड मीटर व्यवस्था शुरू करने के लिए बिजली वितरण कंपनियों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसने प्री-पेड सुविधा का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं के लिए लागू टैरिफ पर 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। यह निर्णय बिलिंग और संग्रह दक्षता में सुधार के लिए कारगर साबित होगा।

क्या होगा स्मार्ट मीटर से फायदा ?

  • बिजली उपभोक्ताओं को टैरिफ रेट में पांच फीसदी कम रेट की सुविधा
  • अपनी मर्जी के हिसाब से बिजली का उपयोग कर सकेंगे
  • प्रीपेड मीटर में बिजली के खर्च की तुरंत जानकारी मिलती रहेगी
  • बिजली उपभोक्ताओं को मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली का रिचार्ज मिल सकेगा
  • बिजली के अनावश्यक खर्च पर रोक लगेगी
  • अपने मोबाइल फोन से भी मीटर की मॉनिटरिंग कर सकेंगे
  • मीटर के खराब होने की शिकायतें भी न के बराबर होगी
  • प्रदेश में लगाए जाने वाले स्मार्ट मीटरों के बारे में जानकारी देते हुए रणजीत सिंह ने बताया कि ये मीटर पूरी तरह से हाईटैक और कंप्यूटरीकृत होंगे। उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन के जरिये भी अपने मीटर की मॉनिटरिंग कर सकेंगे। ये मीटर प्री-पेड होंगे और बिजली उपभोक्ता मोबाइल फोन की तरह इन मीटरों को भी अपनी जरूरत के हिसाब से रिचार्ज कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि हर मीटर का कंट्रोल बिजली निगमों के पास रहेगा तथा मीटरों के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा, ये मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं की मीटर खराब होने या अधिक स्पीड से चलने जैसी शिकायतें भी न के बराबर होंगी।

‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम’ के तहत किसानों का किया जाएगा फिजिकल वेरिफिकेशन, जानिए क्या है वजह ?

किसानों के लिए सरकार की ओर से जारी विभिन्न प्रकार की योजनाओं में पारदर्शिता लाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं बात ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम’ की करें तो, गलत लोगों के अकाउंट में गया पैसा भी वापस लिया जा रहा है। सबकुछ साफ-सुथरा हो इसके लिए एक और इंतजाम किया गया है। अब लाभार्थियों की पात्रता का पता लगाने के लिए 5 फीसदी किसानों का फिजिकल वेरिफिकेशन होगा। कृषि मंत्रालय ने कहा है कि जिला कलेक्टर के नेतृत्व में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होगी।


सरकार की कोशिश है कि पैसा पात्र लोगों के हाथों में जाए। वेरीफिकेशन के लिए जिला स्तर पर एक सिस्टम है। मंत्रालय चाहता है कि राज्यों में इस स्कीम के नोडल अधिकारी नियमित रूप से वेरीफिकेशन की प्रक्रिया की निगरानी करें। अगर आवश्यक महसूस किया जाता है तो बाहरी एजेंसी भी इस काम में शामिल हो सकती है। केवल उन्हीं लोगों का सत्यापन किया जाएगा जो लाभ प्राप्त कर चुके हैं।

सरकार इतने लोगों से वापस ले चुकी है पैसा
2019 में दिसंबर तक सरकार आठ राज्यों के 1,19,743 लाभार्थियों के खातों से इस स्कीम का पैसा वापस ले चुकी है। क्योंकि लाभ लेने वालों के नाम एवं उनके दिए गए कागजात मेल नहीं खा रहे थे।


वैरिफिकेशन कैसे होगा?
लाभार्थियों के डेटा के आधार वेरिफिकेशन को भी अनिवार्य कर दिया गया है। अगर संबंधित एजेंसी को प्राप्त डिटेल्स में आधार से समानता नहीं मिलती है तो संबंधित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को उन लाभार्थियों की जानकारी में सुधार या बदलाव करना होगा।

सरकार ने टैक्सपेयर्स को दी बड़ी राहत, इनकम टैक्स रिटर्न भरने की बढ़ाई तारीख

कोरोना वायरस संकट के चलते सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। जी हां, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख बढ़ा दी है। अब आप 30 नवंबर 2020 तक आईटीआर भर सकते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। इससे पहले, सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को एक महीने और बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 करने की घोषणा की थी।

नकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी

CBDT ने हाल ही में आकलन वर्ष (AY) 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म 1 से 7 को भी अधिसूचित किया है। हालांकि, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सुविधा वर्तमान में केवल उन्हीं लोगों के लिए उपलब्ध है जो आकलन वर्ष 2020-21 के लिए ITR 1, ITR 2 और ITR 4 फाइल करना चाहते हैं। इनकम टैक्स विभाग ने बताया कि आकनल वआकनल वर्ष 2020-21 के लिए ITR 1, ITR 2 और ITR 4 ई-फाइलिंग के लिए उपलब्ध है जिसे एक्सल या जावा यूटिलिटी के डाउनलोड किया जा सकता है और दूसरे आईटीआर जल्द उपलब्ध होंगे।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आठ अप्रैल से 30 जून के दौरान 20 लाख से अधिक करदाताओं को 62,361 करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया है। इसमें 19.07 लाख करदाताओं को 23,453.57 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर रिफंड जारी किया गया। वहीं इस अवधि में 1.36 लाख कॉरपोरेट करदाताओं  को 38,908.37 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया।


नए इनकम टैक्स नियम के तहत अब इन पर नहीं मिलेगी कोई छूट
जिन लोगों ने नए इनकम टैक्स स्लैब को चुना है उनके लिए इनकम टैक्स का ये रूल  बदल गया है। नियोक्ता द्वारा प्रदान किए गए मुफ्त भोजन पर छूट का दावा करने के लिए नियमों में बदलाव किया है। एक अधिसूचना में, आयकर विभाग ने कहा है कि धारा 115 BAC के तहत नए टैक्स स्लैब का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को भोजन कूपन या वाउचर पर टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलेगा।

Friday, 3 July 2020

हरियाणा के कई इलाकों में आज फिर भूकंप के झटके, अलवर रहा भूकंप का केंद्र.

हरियाणा के कई इलाकों में फिर भूकंप के झटके लगे हैं। अभी अभी गुरुग्राम, दिल्ली, भिवानी, रोहतक, सोनीपत, महेंद्रगढ़ समेत कई जगहों पर भूंकप के झटके महसूस किये गए हैं। आपको बता दें कि इन दिनों में कई बार रोहतक समेत कई इलाकों में भूकंप के झटके लग चुके हैं। हालांकि अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है।


भूकंप रोधी विकास के मुताबिक भूकंप का केंद्र राजस्थान का अलवर रहा है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 मापी गई है। वहीं भूकंप के झटके सात बजे लगे हैं।

Thursday, 2 July 2020

हरियाणा में 15 जुलाई के बाद सड़कों पर उतर सकती है बसें, पड़ोसी राज्यों के साथ भी तालमेल शुरु

हरियाणा में बुधवार से अनलॉक टू की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही प्रदेश सरकार ने दो सप्ताह बाद बसें चलाए जाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि 15 जुलाई से हरियाणा में दोबारा पहले की तरह बसें चलेंगी। हरियाणा राज्य परिवहन विभाग ने इस संबंध में पड़ोसी राज्यों के साथ तालमेल शुरू कर दिया है। सरकार का मानना है कि जब तक पड़ोसी राज्यों द्वारा बसों का संचालन नहीं किया जाएगा तब तक हरियाणा को बसें चलाने का कोई लाभ नहीं मिलेगा।


हरियाणा में कोरोना व लॉकडाउन के चलते 24 मार्च से एक जून तक बस सर्विस पूरी तरह से बंद रही। एक जून से हरियाणा सरकार ने अंतर जिला व अंतरराज्जीय बस सेवा शुरू करने का प्रयास किया। इस बीच न तो दिल्ली सरकार ने हरियाणा की बसों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी और न ही पंजाब,हिमाचल, उत्तर प्रदेश उत्तराखंड व राजस्थान की सरकारों ने हरियाणा की बसों को आने दिया। कई राज्य तो ऐसे हैं जहां की सीमाओं से ही हरियाणा की बसों को वापस भेज दिया गया।


हरियाणा में अंबाला, यमुनानगर,करनाल, पानीपत व सोनीपत उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की सीमाओं से सटे हुए हैं। जिसके चलते उक्त स्टेशनों से हरियाणा रोडवेज की बसें रोजाना अंतरराज्जीय रूट पर चलती हैं। इसी तरह अंबाला, जींद, कैथल,सिरसा आदि जिले पंजाब के साथ तो सिरसा,फतेहाबाद,हिसार, रेवाड़ी,महेंद्रगढ़-नारनौल तथा रेवाड़ी आदि जिले राजस्थान के साथ सटे हुए हैं। उक्त पड़ोसी राज्यों के कई शहर तो ऐसे हैं जिनके लिए कई वर्षों से चंडीगढ़ से रोजाना बसों का संचालन हो रहा है और यह रूट लाभ में चल रहे हैं।

हरियाणा में अनलॉक वन के दौरान जहां अंतर जिला बसों का संचालन किया गया वहीं अनलॉक टू के दौरान अंतरराज्जीय बसों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने पड़ोसी राज्यों के साथ तालमेल शुरू कर दिया है। पंजाब सरकार द्वारा पचास फीसदी यात्रियों की शर्त को हटा लिया गया है। उधर हिमाचल द्वारा भी छोटे रूट के तहत बद्दी से अंबाला छावनी तक एक बस भेजी जा रही है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार अंतरराज्जीय बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।

हरियाणा में लोगों की मांग को देखते हुए अनलॉक वन के दौरान कुछ बसों का संचालन किया जा रहा है। अब बसों को पूरी तरह से खोलने से पहले सभी जिलों से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी गई है। इसके आधार पर बसों के संचालन, संख्या को बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा। उम्मीद है कि केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए 15 जुलाई से हरियाणा में फिर से बसों का सुचारू रूप से संचालन शुरू हो जाए।

पापमोचिनी एकादशी की यहां पढ़ें पावन व्रत कथा, च्यवन ऋषि के पुत्र मेधावी और अप्सरा से जुड़ी है कहानी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत रखने से सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, च...