- पेयजल सप्लाई में एक समय की कटौती झेल रहे शहर के लिए दूसरी मुसीबत !
- पब्लिक हेल्थ ने 200 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की डिमांड भेजी!
साल 2021 की शुरूआत से ही
पेयजल संकट का सामना कर रहे शहर को अभी इस स्थिति से राहत नहीं मिलने वाली
है। हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि अगर 17 फरवरी को जेएलएन में तय
शेड्यूल से एक दिन भी देरी से पानी पहुंचा तो शहर की पेयजल सप्लाई ठप हो
जाएगी। हालांकि शहर के आधे
से ज्यादा इलाकों में पहले से ही एक समय सप्लाई की कटौती चल रही है। इसमें
भी टाइम कम करने की तैयारी है। अब जलघरों में पानी का लेवल कम होने से
स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है अब गुरुवार को पब्लिक हेल्थ विभाग ने सिंचाई
विभाग को खुबड़ू हेड से 200 क्यूसेक अतिरिक्त नहरी पानी छोड़ने की डिमांड
भेजी है !
यह निर्णय 14 फरवरी की बजाए दो दिन विलंब से 17 फरवरी को जेएलएन नहर में पानी आने की सूचना के बाद अधिकारियों ने लिया है। अभी सिंचाई विभाग की ओर से पब्लिक हेल्थ विभाग द्वारा भेजी डिमांड पर कोई जवाब नहीं मिला है।
कन्हैली हेड पर पाउंडिग की इजाजत न मिलने से जलघरों के टैंक नहीं भर पाए
14 तक अतिरिक्त पानी नहीं मिला तो रोज 15 मिनट की और कटौती
पब्लिक हेल्थ विभाग के जेई अमित रोहिल्ला ने बताया कि यदि 14 फरवरी तक अतिरिक्त पानी नहीं मिला तो 15 फरवरी से सुबह की जा रही 50 मिनट की सप्लाई में 15 मिनट की कटौती मजबूरी होगी। दूसरी ओर, जेएलएन में मरम्मत कार्य चल रहा है। पब्लिक हेल्थ को कन्हेली हेड पर पाउंडिंग से सिंचाई विभाग ने मना कर दिया था। इससे सोनीपत रोड व झज्जर रोड जलघर के टैंकों को नहीं भरा जा सका। 17 को भी जेएलएन में पानी देरी से पहुंचा तो सप्लाई ठप होने का खतरा है।
1.सोनीपतरोड स्थित प्रथम जलघर: क्षमता 18 एमएलडी है। इससे 2 करोड़ 45 लाख लीटर पानी प्रतिदिन सप्लाई होता है।
2.झज्जररोड स्थित द्वितीय जलघर: क्षमता 35 एमएलडी है। इससे 2 करोड़ 70 लाख लीटर प्रतिदिन पानी सप्लाई होता है।
3.बोहर बाईपास स्थित तृतीय जलघर: क्षमता 28 एमएलडी है। इससे 2 करोड़ 20 लाख लीटर पानी सप्लाई होता है।
4.देवकालोनी स्थित चतुर्थ जलघर: क्षमता 10 एमएलडी है। इससे 1 करोड़ लीटर पानी की रोज सप्लाई की जाती है।
100 क्यूसेक नहरी पानी से भी मुश्किल होगी आसान
निर्धारित शेड्यूल से दो दिन देरी से जेएलएन में पानी आने की सूचना है। सिंचाई विभाग को डिमांड भेजी गई है। इस विपरीत हालात में 100 क्यूसेक पानी मिलने से भी जल संकट टाला जा सकता है।
-भानु प्रकाश शर्मा, एक्सईएन, पब्लिक हेल्थ विभाग।
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