Saturday, 13 February 2021

रोहतक का सामूहिक हत्याकांड:कभी सीनियर कोच था 5 की जान लेने का आरोपी सुखविंद्र, कमान बदलने पर था नाराज; कहता था- बड़ा काम करूंगा !


रोहतक में पहलवानी के लिए मशहूर मेहर सिंह अखाड़े में शुक्रवार देर रात गोली मारके हेड कोच और पत्नी समेत 5 लोगों की हत्या कर दी गई। आरोप अखाड़े के ही एक कोच सुखविंद्र मोर पर है। तीन जिलों की पुलिस उसे तलाशने में लगी है, वहीं उस पर एक लाख का इनाम रखा है। शनिवार को यह जानकारी रोहतक के SP राहुल शर्मा ने दी। इसी बीच पता चला है कि सुखविंद्र को मृतक मनोज मलिक के अंडर में ट्रेनिंग देने के लिए कहा गया था। सुखविंद्र इसी बात से नाराज था। इसके चलते उसने हेड कोच समेत 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।


 

बता दें कि रोहतक के जाट कॉलेज के अखाड़े में शुक्रवार देर रात करीब साढ़े 9 बजे 5 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें अखाड़े का संचालक सोनीपत के सरगथला गांव के रहने वाले मनोज मलिक, उनकी पत्‍नी साक्षी, उत्तर प्रदेश के मथुरा की महिला पहलवान पूजा, रोहतक के मांडोठी गांव के रहने वाले कोच सतीश कुमार और गांव मोखरा के रहने वाले प्रदीप मलिक शामिल हैं। वारदात की सूचना मिलने पर जाट कॉलेज अखाड़ा, निजी अस्पताल, जहां घायलों को भर्ती कराया और इसके बाद PGIMS के ट्रॉमा सेंटर के बाहर पहलवानों का जमावड़ा लग गया। जाट कॉलेज अखाड़ा में प्रैक्टिस करने वाले पहलवानों में गुस्सा भी दिखाई दे रहा था। उधर, सहायक प्राध्यापक मनोज के स्वजन व अन्य लोगों में मातम पसर गया। अस्पताल और वारदात स्थल पर उनका रो-रोकर बुरा हाल है। उधर, FSL इंचार्ज डॉ. सरोज मलिक दहिया ने भी जाट कॉलेज के अखाड़े में पहुंचकर सबूत जुटाए।

जांच-पड़ताल के दौरान पता चला है कि इस हत्याकांड का आरोपी सुखविंद्र मोर सोनीपत जिले के गांव बरोदा का रहने वाला है। उसके पिता मेहर सिंह सेना से रिटायर्ड हैं। सुखविंद्र शादीशुदा है और उसके ढाई साल का एक बेटा है। सूत्रों के अनुसार सुखविंद्र और उसकी पत्नी को पिता मेहर सिंह ने अपनी जायदाद से बेदखल कर रखा है। दूसरी ओर वह कभी अखाड़े में सीनियर कोच हुआ करता था, ले‍किन अब मनोज मलिक को हेड कोच बना दिया गया था। इससे वह नाराज था। परिचितों के मुताबिक, कई दिन से वह मनोज मलिक को मारने की साजिश रच रहा था। वह प्रैक्टिस के दौरान भी बार-बार कहता था कि 'कुछ ऐसा करूंगा कि सब मुझे याद करेंगे।'

घटना के बाद जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उससे साफ हो रहा है कि सुखविंद्र, मनोज मलिक और उसके परिवार की हत्या करने के बाद फरार होने की फिराक में था। सुखविंद्र ने मनोज और उसकी पत्नी को गोली मारकर भागने की कोशिश की। लेकिन गोली की आवाज सुनकर कोच सतीश दलाल, कोच प्रदीप, कोच अमरजीत और महिला पहलवान पूजा ऊपर की तरफ दौड़े। इसके बाद सुखविंद्र ने उन पर भी गोलियां चला दी।

सुखविंद्र का नाम सामने आने के बाद तुरंत उसके मोबाइल की लोकेशन खंगाली गई, जो सांपला एरिया की तरफ मिली। हालांकि इसके बाद उसकी लोकेशन के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी। पुलिस भी आशंका जता रही है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी सांपला की तरफ भागा होगा।

कोच अमरजीत को नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया
फायरिंग में घायल हुए अमरजीत रोहतक के ही मेहर सिंह अखाड़े के कोच हैं। मेहर सिंह अखाड़े के पहलवानों ने बताया कि देर शाम उनके कोच अमरजीत के पास सुखविंद्र का फोन आया था। उसने अमरजीत से कहा कि वह उसकी नौकरी लगवा देगा। एक बार अखाड़े में आकर मिल ले। फोन आने के बाद अमरजीत वहां पर चले गए थे।

इन महत्वपूर्ण पहलुओं को नहीं किया जा सकता दरिकनार
परिचितों का कहना है कि मनोज मलिक को अपने ऊपर लगाए जाने के अलावा सुखविंद्र साथी कोच सतीश दलाल के साथ भी रंजिश रखता था। विवाद के बाद कई बार उनके बीच समझौते के प्रयास भी हुए, लेकिन बात नहीं बन सकी। इसके अलावा पता चला है कि सुखविंद्र और उसकी पत्‍नी को परिवार ने भी चल-अचल संपत्ति से बेदखल कर रखा था। इस वजह से सुखविंद्र काफी तनाव में रहता था। आशंका है कि हत्याकांड की एक वजह यह भी हो सकती है।

SIT गठित, सात टीमों की दबिश जारी
सुखविंद्र को पकड़ने के लिए देर रात ही SP राहुल शर्मा ने SIT गठित कर दी। आरोपित को पकड़ने के लिए थाना पुलिस के अलावा CIA और एंटी व्हीकल थेफ्ट के स्टाफ समेत सात टीमों को लगाया गया है। ये टीमें आरोपी को पकड़ने के लिए ताबड़तोड़ दबिश दे रही हैं। SP का दावा है कि जल्दी ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।

 

 


सुखविंद्र के खिलाफ आ रहीं थीं शिकायतें मनोज नहीं चाहता था वह अखाड़ा संभाले
अखाड़े से संबंधित रहे कुछ पहलवानों की मानें तो ट्रेनर से हटाने के बाद सुखविंद्र ने मनोज से कहा था कि वो अखाड़े में उसे हिस्सा दे दे तो उसका भी रोजगार चल जाएगा। सुखविंद्र का तर्क था कि वो दो साल से उसके अंडर है। मनोज और साक्षी को नौकरी मिल चुकी है। ऐसे में अगर उसे अखाड़े का संचालन मिल जाएगा तो उसका भी रोजगार चल जाएगा। लेकिन मनोज सुखविंद्र की शिकायतों पर उसे अखाड़ा नहीं देना चाहता था।

 

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