हरियाणा सरकार के गृह एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) ने एक आदेश जारी करते हुए यह साफ कर दिया गया है कि अब डिजास्टर मैनेजमेंट के मामलों में जिला अटार्नी नहीं बल्कि प्रदेशभर के थाना प्रभारी खुद ही केस दर्ज कर कार्रवाई करने में सक्षम हैं।
अब कोरोना संक्रमण की महामारी को गंभीरता से नहीं लेने वालों की अब खैर नहीं है, क्योंकि हरियाणा के थाना प्रभारियों को डिजास्टर मैनेजमेंट का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध केस दर्ज कर कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
यहां पर यह भी बता दें कि राज्य में जिला अटार्नियों के पास में पहले से ही कईं तरह के कामकाज का बोझ रहता है, इसको ध्यान में ऱखते हुए हरियाणा गृह विभाग ने यह पावर सीधे ही थाना प्रभारी को देने का फैसला लिया था। जिस तरह से कोरोना संक्रमण को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है, उसकी वायलेशन पर होने की स्थिति में थाना प्रभारियों द्वारा खुद ही कार्रवाई करने का रास्ता खुल गया है, अब से पहले यह पावर जिला अटार्नी के पास होती थी। दरअसल पूर्व में जिला अटार्नियों के पास में मामला होने के कारण कई बार ज्यादा समय लगने के साथ ही कई अन्य तरह की दिक्कतें भी पेश आती थी।
राष्ट्रीय आपदा के सेक्शन 51 के चैप्टर 10 में कोई भी केस दर्ज होता रहा है। अब से पहले पावर केवल जिला अटार्नी के पास होती थी। पुलिस अधिकारियों को एक्शन लेने में समय लगता था, लेकिन थाना प्रभारियों को हैंडओवर हो जाने के बाद में अब इसका उल्लंघन करने वालों की खैर नहीं हैं, वैसे भी कोरोना महामारी को राष्ट्रीय आपदा माना गया है। आने वाले वक्त में कोई भी नियमों को नहीं मानने, शांति व्यवस्था बिगाड़ने के साथ ही समय समय पर जारी एडवाइजरी का उल्लंघ करने वाले सीधे ही नपेंगे।
अब थाना प्रभारी निरीक्षक ही मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। दूसरी अहम बात यहां पर यह भी है कि पूर्व में भी सारी की सारी कार्रवाई पुलिस को ही करनी होती थी। लेकिन अटार्नी द्वारा अगर केस दर्ज कराया जाता है, तो फिर मामले में तारीखों को भी अदालत में रहना होता था।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि जिला अटार्नी पर बढ़ते हुए दबाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। पूरी कार्रवाई पुलिस ही करती है, इसीलिए अब इस तरह के मामलों में पुलिस आत्मनिर्भर हो गई है, खुद ही कार्रवाई कर सकती है।
राजस्थान की तरह राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कोरोना संक्रमण की चुनौती को ध्यान में रखते हुए और लाकडाउन में छूट का दुरुपयोग करने वालों पर शिकंजा कसने का सुझाव दिया था। विज ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व प्रदेश के सीएम को भी इस संबंध में अपने कईं सुझाव प्रस्तावित पत्र में लिखकर भेजे हैं। जिसमें मास्क नहीं लगाने, सैनिटाइजेशन नहीं करने के साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है, इसका मकसद लोगों से सौ फीसदी सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराने के साथ ही मास्क आदि नहीं लगाने वाले लोगों पर कार्रवाई करना है। अभी तक लोग इसका उल्लंघन करने में नहीं डरते क्योंकि जुर्माने आदि का प्रावधान नहीं है, इसीलिए गृहमंत्री इसे कानून बनाने के पक्ष में हैं।
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