मलेरिया की दवा है हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, अभी तक केवल कोरोना मरीजों को दी जाती थी !- आईसीएमआर ने कहा- संक्रमण से बचने के लिए कोरोना वॉरियर्स कर सकते हैं इसका सेवन !
कोरोनावायरस के इलाज में प्रयोग होने वाली मलेरिया की दवा हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने रिवाइज्ड एडवायजरी जारी की है। अब इसका सेवन कोरोना वॉरियर्स कर सकेंगे। अभी तक इसे केवल लक्षण वाले या फिर कोरोना संक्रमितों को दिया जाता था।
आईसीएमआर ने कहा कि अस्पतालों में लोगों का इलाज में जुटे एसिम्प्टमेटिक हेल्थकेयर, कंटेनमेंट जोन में तैनात फ्रंटलाइन वर्कर, पुलिस, सशस्त्र बल के जवान भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्ववीन का सेवन कर सकते हैं। काउंसिल ने यह फैसला राष्ट्रीय स्तर पर दवा के असर को लेकर स्टडी करने वाली नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट के बाद किया है। हालांकि काउंसिल ने यह भी साफ किया है कि ये दवा केवल ऐहतियात के तौर पर लेनी चाहिए। इसे लेने का मतलब ये नहीं है कि आपको कोरोना नहीं हो सकता है।कमेटी ने स्टडी में पाया कि इससे संक्रमण के दर में कमी होती है
नेशनल टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने कोरोना प्रभावित और गैर कोरोना प्रभावित इलाकों में काम करने वाले सभी स्वास्थ्यकर्मियों पर इसका अध्ययन किया। विशेषज्ञों ने पाया कि इससे संक्रमण की दर कम होती है। इसमें कहा गया है कि यह दवा उन लोगों को नहीं देनी चाहिए, जो रेटिना संबंधी बीमारी से ग्रसित हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि इस दवा को 15 साल से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को न दिया जाए। दवा औपचारिक सहमति के साथ किसी डॉक्टर की निगरानी में दी जाए।कई देशों को भेजी गई दवा
कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया प्रभावित है। दुनिया के बड़े-बड़े देश इसकी वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं। कई विशेषज्ञों ने शुरूआत में ही पाया कि हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवा कोरोना के इलाज में काफी प्रभावी है। इसके बाद अमेरिका, इजरायल सहित कई देशों को भारत ने ये दवा सप्लाई की। भारत इस दवा का बड़ा सप्लायर है।
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