कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए चल रहे आंदोलन पर शनिवार को हरियाणा के कृषि मंत्री का बड़ा ही हास्यास्पद बयान सामने आया। एक ओर कृषि एवं पशुपालन मंत्री JP दलाल ने कहा कि हरियाणा के किसानों ने UP के सड़क छाप नेताओं को सिर पर बैठा रखा है, दूसरी ओर मौत पर बोले कि उन्हें तो मरना ही था। यहां नहीं तो घर में रहकर कौन सा मरते नहीं।
प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री JP दलाल शनिवार को भिवानी के विश्राम गृह में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ रू-ब-रू हुए। इस दौरान दलाल ने किसान नेता राकेश टिकैत की ओर इशारा करते हुए कहा कि हरियाणा के किसान अनपढ़ को अपना नेता मान रहे हैं, जबकि उनके अपने प्रदेश में उनका कोई जनाधार नहीं है। ऐसे में हरियाणा के लोगों को अपने हितों को ध्यान में रखकर आंदोलन से पीछे हट जाना चाहिए। कांग्रेस, इनेलो और लाल झंडे वाले भोले-भाले किसानों को आंदोलन के नाम पर भड़का रहे हैं, जबकि तीनों कृषि कानून किसानों के हक में है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा देश का पहला डिजिटल बजट पेश किया गया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगनी करने में कारगर साबित होगा। बजट में स्पष्ट उल्लेख है कि MSP को किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं किया जा रहा है, बल्कि केंद्रीय बजट में 1000 नई मंडियां स्थापित करने की घोषणा की गई है। कुछ स्वयंभू किसान नेताओं द्वारा किसानों में मंडियों को समाप्त करने का केवल भ्रम फैलाया जा रहा है।
पिछले 80 दिन से चल रहे हैं दिल्ली के चारों तरफ धरने
बता दें कि पिछले 80 दिनों से देशभर के किसान संगठन केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए दिल्ली की दहलीज पर आंदोलनरत हैं। अब तक 200 से ज्यादा किसानों की मौत भी हो चुकी है। यह अलग बात है कि इनमें से ज्यादातर की जान ठंड लगने या दिल के दौरे पड़े की वजह से हुई है। साथ ही कई किसानों ने आत्महत्या भी की है। आज मीडिया की तरफ से इस मसले पर कृषि मंत्री से सवाल किया गया कि अभी तक प्रधानमंत्री की तरफ से कोई संवेदना व्यक्त नहीं की गई है। इस पर दलाल ने हंसते हुए जवाब दिया कि शोक संवेदना तो मैं व्यक्त कर देता हूं, पर सोचने वाली बात है कि इन्हें तो मरना ही था। धरनों पर नहीं मरते तो घर में मर जाते। इस दौरान दलाल को दांत खिसकाते साफ देखा जा सकता था। अब इस घटना का वीडियो वायरल हो चुका है और हर तरफ उनके बयान की निंदा हो रही है।
मंत्री के घेराव की सूचना पर छावनी बना विश्राम गृह
उधर,
जैसे ही भारतीय किसान यूनियन को सूचना मिली की कृषि मंत्री जेपी दलाल 13
फरवरी को भिवानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं तो संयुक्त किसान
मोर्चा के आदेशानुसार दिल्ली के टिकरी बॉर्डर से संयुक्त किसान मोर्चा के
सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने एक
वीडियो जारी कर विरोध का ऐलान किया। भारतीय किसान यूनियन के विरोध के ऐलान
के बाद विश्राम गृह के तरफ आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस का पहरा कड़ा कर
दिया गया। किसी भाी आंदोलनकारी को पास तक नहीं आने दिया। भारतीय किसान
यूनियन बवानीखेड़ा के प्रधान रोशन शेषमा और सरवन कालीरावणा के नेतृत्व में
शहर में चारों ओर से किसान और युवा लोक निर्माण विश्राम गृह में जाने के
लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली और गाड़ियों से निकले। जैसे ही किसान लोक निर्माण
विश्राम गृह की तरफ कूच किया तो पहले से तैनात भारी-भरकम पुलिस फोर्स ने
किसानों को रोक लिया।
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